डिजाइन वाले नक़ाब पहनना कैसा है

 

सवाल आजकल के नक़ाब जो इन्तिहाई चुस्त और तंग होते हैं, जिससे अअ्ज़ा ए जिस्म की बनावट साफ़ ज़ाहिर होती है और जिसमें तरह तरह के बेल बूटे और नक़्श व निगार मनक़ूस होते हैं, जो बहुत ही दिलकश मालूम होते हैं, तो क्या इस तरह के नक़ाब औरतों को पहनना जाइज़ है


अल जवाब औरतों को इस तरह का नक़ाब पहनना हराम और अशद हराम है इसलिए के शरअ् ने औरतों के लिए इतना चुस्त लिबास पहनना जिससे बदन के अअ्ज़ा की बनावट साख़्त व हैइयत नशीब व फ़राज़ उतार चढ़ाव खूब ज़ाहिर हो हराम फ़रमाया है और फिर ऊपर से उसमें तरह तरह के बेल बूटे नक़्श व निगार और बहुत ही खूबसूरत, दिलकश व दिल फ़रेब डिज़ाइन मनक़ूस हों, जो लोगों की तवज्जोह का मरकज़ बनें इस तरह के तमाम पहनावे भी बिला शुबा ना जाइज़ व हराम बल्कि अशद हराम होंगे

हदीस शरीफ़ में है

हज़रते आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत है कि हज़रते असमा बिन्ते अबू बकर रज़िअल्लाहू तआला अन्ह एक बारीक कपड़ा पहनकर हुज़ूर के सामने आईं हुज़ूर ने उनकी जानिब से मुंह फेर लिया और फ़रमाया

ऐ असमा औरत जब बालिग हो जाए तो उसके बदन का कोई हिस्सा हरगिज़ ना दिखाई देना चाहिए, सिवाए इसके और उसके और इशारा फ़रमाया अपने मुंह और हथेलियों की जानिब,


📗 मिश्कात सफ़ह 377)


और इसी लिए औरतों को चूड़ी दार पायजामा पहनना और खूब चुस्त क़मीस पहनने से सख़्ती के साथ मना किया गया है कि इससे औरत के जिस्म की बनावट लंम्बाई गोलाई और उतार चढ़ाव खूब ज़ाहिर रहता है, और जब औरतें इस क़दर चुस्त लिबास पहनकर निकलेंगी तो नागह लोगों की नज़रें उनकी तरफ उठेंगी जिसे हरीस क़िस्म का इंसान बग़ौर देखेगा और गुनाहगार होगा और उसका गुनाह औरत के भी सर आएगा इसलिए कि उसने ऐसा लिबास पहन रखा है जो शराफ़ते इंसानी के ख़िलाफ़ और शरअ् में ममनू व हराम है

हुज़ूर सदरुश्शरिअह अलैहिर्रहमा फ़रमाते हैं 

अगर चुस्त कपड़े पहने हों कि जिस्म का नक्शा खिच जाता हो मसलन चुस्त पायजामा में पिंडली और रान की पूरी हैइयत नज़र आती है तो इस सूरत में नज़र करना ना जाइज़ है,

📚 बहारे शरिअत जिल्द 3, सफ़ह 448)

अल इन्तिबाह

औरतों को ऐसा लिबास पहनना जिससे बदन के अक्सर अअ्ज़ा ज़ाहिर होते हैं हराम है, औरतों को खूब ढीले ढाले कपड़े पहनना चाहिए और ज़्यादा नीचे तक हों ताकि क़दम छुप जाएं उनके लिए जहां तक पांव का ज़्यादा छुपे अच्छा है, इन्तिहाई चुस्त व तंग बुरक़ा व नक़ाब कमीस कुर्ती और पायजामा वग़ैरह पहनने से इज्तिनाब लाज़िम है वरना गुनाहगार और मुस्तहिक़े अज़ाबे नार होंगी

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 41--42--43)

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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