ऊंची एड़ी की जूती पहनना कैसा है



सवाल औरतों को मर्दों की तरह ऊंची एड़ी की जूती पहनना कैसा है

अल जवाब जिस तरह मर्द ऊंची एड़ी का जूता पहनता है, औरतों इसी तरह ऊंची एड़ी की जूती पहनना हराम व नाजाइज़ है, कि इसमें मर्दों की मुशाबिहत है,

हदीस शरीफ़ में है

हज़रत अबू दाऊद ने हज़रत इब्ने अबी मलीका से रिवायत की के किसी ने हज़रत आयशा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से कहा कि एक औरत (मर्दों की तरह) जूते पहनती है, उन्होंने फ़रमाया कि रसूल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम ने मर्दानी औरत पर लानत फ़रमाई है

📚 अबू दाऊद किताबुल्लिबास बाब फ़ी लिबास्सुन्निसा जिल्द 4, सफ़ह 84)

यानी औरतों को मर्दाना जूता नहीं पहनना चाहिए, बल्कि वह तमाम बातें जिनमें औरतों और मर्दों का इम्तियाज़ होता है, उनमें से हर एक को दूसरे की वज़अ् इख़्तियार करने की मुमानअ्त है, न औरत मर्द की वज़अ् इख़्तियार करे, और ना मर्द औरत की

हदीसे पाक में है
नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फ़रमाते हैं

अल्लाह तआला ने उस औरत पर लानत फ़रमाई जो मर्द की तरह लिबास पहने और उस मर्द पर भी जो औरत की तरह लिबास पहने,

📘 मिश्कात किताबुल्लिबास सफ़ह 380)

और इस हदीस शरीफ़ के तहत हुज़ूर सदरुश्शरिअह अलैहिर्रहमा फ़रमाते हैं

इस बिना पर उम्मुल मोमिनीन सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा ने औरतों को एड़ी बैठाकर जूती पहनने का हुक्म दिया कि चढ़वीं जूते में मर्दों की मुशाबिहत है

📗 फ़तावा अमजदयह जिल्द 4 सफ़ह 146)

और शहज़ादा ए हुज़ूर आलाहज़रत इमामुल फ़क़्हा मुफ़्ती ए आज़म हिन्द हज़रत अल्लामा अश्शाह मुहम्मद मुस्तफ़ा रज़ा ख़ान क़ादरी नूरी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि फ़रमाते हैं

जो जूता मर्दाना हो यानी जिस वज़अ् का मर्दों के साथ ख़ास हो औरतों को उसका पहनना दुरुस्त नहीं

📚 फ़तावा मुस्तफ़वियह सफ़ह 451)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह, 41--41)
✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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