तकबीर किस जानिब से कहनी चाहिए ?


 तकबीर किस जानिब से कहनी चाहिए ?

❈•───islami────❈───malumat────•❈

आज कल यह ज़रूरी ख़्याल किया जाता है कि इक़ामत या तकबीर जो जमाअत क़ाइम करने से क़ब्ल (पहले) मुअज्ज़िन लोग पढ़ते हैं उसमें पढ़ने वाला इमाम के पीछे दाहिनी तरफ़ (Right Side) हो और बाई जानिब (Left Side) खड़े होकर तकबीर पढ़ने को मम्नू (मना) ख़्याल करते हैं। हालांकि तकबीर बाएं तरफ़ से पढ़ना भी मना नहीं है सैयदी आला हजरत फरमाते हैं और इक़ामत की निस्बत भी ताअय्युने जहत (चुनी हुई) के दाहिनी तरफ हो या बाएं तरफ(ऐसी कोई बात) फ़क़ीर की नज़र से ना गुज़री। हां इस कदर कह सकते हैं कि महाज़ात इमाम फिर जानिबे रास्त मुनासिब तर है

📚 (फ़तावा रिज़विया जिल्द 02 सफ़्हा 465)

खुलासा यह कि इमाम के पीछे दाहिनी तरफ़ से पढ़ना ज़्यादा बेहतर है लेकिन बाईं तरफ से पढ़ना भी जायज़ है और इससे नमाज़ मै कोई कमी नहीं आती और दाहिनी तरफ़ को ज़रूरी ख़्याल करना ग़लत फहमी है।

📚 (ग़लत फेहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 33,34)


✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

Post a Comment

और नया पुराने