अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहु
क्या फ़रमाते हैं उलेमा-ए-दीन मुफ़्तीयान-ए-किराम कि मस्जिद की सीढ़ी, स्टूल वगैरह-वगैरह किसी को देना कैसा है? रहनुमाई फ़रमाएँ
अल-मुस्तफ़्ती : सुन्नी बिलाल
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वअलैकुमुस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अल-जवाब बिऔनिल-मलिकिल-वहाब
साहिब-ए-बहार-ए-शरीअत तहरीर फ़रमाते हैं कि मस्जिद की अशिया, जैसे लोटा, चटाई वगैरह को किसी दूसरी ग़रज़ में इस्तेमाल नहीं कर सकते। मसलन: लोटे में पानी भरकर अपने घर नहीं ले जा सकते, अगरचे यह इरादा हो कि बाद में वापस कर दूँगा। उसी तरह मस्जिद की चटाई अपने घर या किसी दूसरी जगह बिछाना नाजायज़ है। यूहीं मस्जिद के डोल-रस्सी से अपने घर के लिए पानी भरना या किसी छोटी से छोटी चीज़ को बे-मौक़ा और बे-महल इस्तेमाल करना नाजायज़ है।
(इसलिए अब साफ़ ज़ाहिर हो गया कि मस्जिद का सामान मस्जिद के लिए वक़्फ़ होता है मस्जिद का कोई भी सामान घर लाकर इस्तेमाल करने की शरअ में इजाज़त नहीं है।)
माखूज़ : बहार-ए-शरीअत जिल्द 2, हिस्सा दहम — मस्जिद का बयान
वल्लाहु तआला आलम बिस्सवाब
क़त्बा : मुहम्मद राहत रज़ा नीपाली
✔️✔️ अल-जवाब सही, वल-मुजीब नजीह फ़क़ीर मुहम्मद इब्राहीम ख़ान अमजदी क़ादरी रज़वी बलरामपुरी अफ़ी अनहू, ख़तीब व इमाम गौसिया मस्जिद, भिवंडी, महाराष्ट्र
