सिर के बाल कटवाकर नहाए बगैर नमाज़ पढ़ना कैसा है?

 




सवाल


क्या फ़रमाते हैं उल्मा ए किराम और मुफ़्तियाने अज़्ज़ाम इस मसअले पर कि सिर के बाल कटवाकर नहाए बगैर नमाज़ पढ़ना कैसा है?


जवाब


सिर के बाल कटवाने से या मूए ज़ेरे नाफ या बगल के बाल साफ करने से न गुस्ल फर्ज होता है न बुजु ज़रूरी होता है, बशर्त ये कि पहले से बा बुजु हों और गुस्ल की हाजत न हो तो सिर के बाल कटवाने या मूए ज़ेरे नाफ या बगल के बाल बगैरह काटने के बाद बगैर गुस्ल और बुजु किए नमाज़ या तिलावत ए कुरआन बगैरह पढ़ सकता है।

जैसा कि शरह वक़ाया सफह न० 276 में है -

 و اذا مسح الرأس ثم حلق الشعر لا تجب الاعادة و كذا اذا توضأ قص الاظفار

और ऐसा ही नूरुल इज़ा सफह न० 22 में है 


ولا یعاد المسح ولا الغسل علی موضع الشعر بعد حلقہ ولا الغسل بقص ظفرہ وشاربہ


यानी बाल कटवाने के बाद बाल की जगह पर दुबारा मसह या गुस्ल का इआदा (दुबारा) वाजिब नहीं है और नाखूनों और मूंछों को काटने के बाद भी दुबारा धोने की हाजत नहीं।


वल्लाहो आलमु बिस्सावाब


कत्बा मोहम्मद मासूम रजा़ नूरी अफी अन्हू 

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