जो फांसी लगाकर जान दे उसकी नमाज़ जनाज़ा का क्या हुक्म है


सवाल अगर कोई फांसी लगा कर मर जाए तो क्या उसकी नमाज़े जनाज़ा पढ़ी जायेगी या नहीं, कुछ लोग कहते हैं के जो फांसी लगाकर या ज़हर खा कर या अपने हाथों से अपना गला काट कर मर जाए तो उसकी नमाज़े जनाज़ा नहीं पढ़ी जायेगी क्या ये सही है जवाब इनायत करें
जवाब जो फांसी लगाकर या ज़हर खा कर या अपना गला काट कर मर गया उसकी भी नमाज़े जनाज़ा पढ़ी जायेगी, और मुसलमान के ही क़ब्रिस्तान में दफ़न किया जायेगा जो कहता है के इनकी नमाज़े जनाज़ा नहीं पढ़ी जायेगी उसको मस्अला मालूम नहीं है, उसको चाहिए के बगैर इल्म के कोई मस्अला न बताये और आइंदा ख़याल रखे तौबा करे
📚 फतावा अफ़्रीका सफह नः 40

अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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