सवाल नमाज़ की शर्तें कितनी हैं
जवाब नमाज़ की शर्तें छः (6) हैं जिनके बग़ैर नमाज़ सिरे से होती ही नहीं
(1) पहली शर्त👇
तहारत यानी नमाज़ी के बदन, कपड़े और उस जगह का पाक होना के जिसपर नमाज़ पढ़े
(2) दूसरी शर्त👇
सतरे औरत यानी मर्द को नाफ़ से घुटने तक छुपाना और औरत को सिवाए चेहरा हथेली और क़दम के पूरा बदन छुपाना, औरत अगर इतना बारीक दुपट्टा ओढ़ कर नमाज़ पढ़े के जिससे बाल की सियाही चमके तो नमाज़ ना होगी जब तक के उसपर कोई ऐसी चीज़ ना ओढ़े के जिससे बालों का रंग छुप जाए 📚 आलम गीरी शरीफ़
(3) तीसरी शर्त👇
इस्तक़बाले क़िब्ला यानी नमाज़ में क़िब्ला की तरफ़ मुंह करना, अगर क़िब्ला की सिम्त में शुबा (शक) हो तो किसी से दरयाफ़्त करे अगर कोई दूसरा मौजूद ना हो तो ग़ौर व फ़िक्र के बाद जिधर दिल जमे उसी तरफ़ मुंह करके नमाज़ पढ़ले फिर अगर बाद नमाज़ मालूम हुआ के क़िब्ला दूसरी सिम्त था तो कोई हरज नहीं नमाज़ हो गई 📚 दुर्रे मुख़्तार📚 बहारे शरीअत
(4) चौथी शर्त👇
वक़्त लिहाज़ा वक़्त से पहले नमाज़ पढ़ी तो ना हुई जिसका बयान तफ़्सील के साथ पहले मैसेज क़िस्त 19 में गुज़र चुका
(5) पांचवीं शर्त👇
नियत, यानी दिल के पक्के इरादा के साथ नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है और ज़ुबान से नियत के अल्फ़ाज़ कह लेना मुस्तहब है इसमें अर्बी की तख़्सीस नहीं उर्दू वग़ैरह में भी हो सकती है, और यूं कहे नियत की मेंने, और नियत करता हूं मेंं ना कहे📚 दुर्रेमुख़्तार📚 बहारे शरीअत
(6) छटी शर्त👇
तक्बीरे तहरीमा यानी नमाज़ के शुरू में अल्लाहू अकबर कहना शर्त है 📗 अनवारे शरीअत उर्दू, पेज 52/53)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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