सवाल औरतों को कंघा करने के बाद अपने सर के बाल यूंही नाखून वगैरह ऐसे ही छोड़ देना और मर्द अजनबी को उसकी तरफ़ नज़र करना कैसा है
अल जवाब औरतों को अपने सर के बाल और नाखून वगैरह को इधर-उधर ऐसे ही छोड़ देना दुरुस्त नहीं बल्कि कहीं दफन कर देना चाहिए, ताकि अजनबी मर्द की निगाह ना पड़े, क्योंकि मर्द अजनबी का उसकी तरफ़ नज़र करना हराम है इसलिए कि जिस उज़ू की तरफ़ नज़र करना नाजाइज़ व हराम है बदन से जुदा हो जाने के बाद भी उसको देखना हराम व नजाइज़ है जैसे नाफ़ के नीचे का बाल औरत के सर के बाल और नाखून वगैरह
तन्वीरुल अबसार मअ् दुर्रे मुख़्तार में है
अरबी इबारत असल किताब में मुलाहिजा फ़रमाएं
📚 जिल्द 9 सफ़ह 536)
हां मगर हाथ के नाखून को देख सकता है
हुज़ूर सदरुश्शरिअह अल्लामा अमजद अली आज़मी अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं
जिन उज़ू की तरफ़ नज़र करना नाजाइज़ है, अगर वह बदन से जुदा हो जाए तो अब भी उसकी तरफ़ नज़र करना नाजाइज़ ही रहेगा मसलन पेड़ू के बाल के उनको जुदा करने के बाद भी दूसरा शख़्स नहीं देख सकता औरत के सर के बाल या उसके पांव या कलाई की हड्डी के उसके मरने के बाद भी अजनबी शख़्स उसको नहीं देख सकता औरतों को के पांव के नाखून के उनको भी अजनबी शख़्स नहीं देख सकता और हाथ के नाखून को देख सकता है
अक्सर देखा गया है कि ग़ुसलखाना या पाखाना में मुऐ ज़ेरे नाफ़ (नाफ़ के नीचे के बाल) मूंडकर बाज़ लोग छोड़ देते हैं ऐसा करना दुरुस्त नहीं बल्कि उनको ऐसी जगह डाल दें कि किसी की नज़र न पड़े या ज़मीन में दफ़न कर दें औरतों को भी लाज़िम है कि कंघा करने में या सर धोने में जो बाल निकले उन्हें कहीं छुपा दें कि उन पर अजनबी की नज़र ना पड़े
📚 बहारे शरिअत जिल्द 3 सफ़ह 448)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 91--92--93)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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