क्या शौहर की नाराज़गी अल्लाह व रसूल की नाराज़गी है



सवाल क्या शौहर की नाराज़गी अल्लाह व रसूल की नाराज़गी और मलायका (फ़िरिश्तों) की लअ्नत का सबब है

अल जवाब हदीसे पाक से साबित है कि जब तक शौहर बीवी से नाराज़ रहता है, फ़िरिश्ते उसकी बीवी पर लअ्नत भेजते रहते हैं

हजरत अबू हुरैरह रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है

रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया

मर्द जब अपनी औरत को बिस्तर पर तलब करे (बुलाए) और औरत ((बग़ैर उज़्रे शरई के यानी औरत को कोई ऐसी बीमारी या तकलीफ़ नहीं है जिससे वह शौहर की ख्वाहिश पूरी ना कर सके)) इन्कार कर दे ख़ाविंद (शौहर) नाराज़गी की हालत में रात गुज़ारे तो फ़िरिश्ते सुबहो तक उस औरत पर लअ्नत भेजते रहते हैं

📚 مشکوۃ باب عشرۃ النساء و مالکل واحد من الحقوق، صفحہ 280

क्योंकि उस औरत पर ख़ाविंंद की फ़रमाबरदारी लाज़िम थी नाफ़रमानी नहीं, वह नाफ़रमानी करके फ़िरिश्तों की लानत की मुस्तहिक़ हो गई और जब तक शौहर खुश ना हो जाए, अल्लाह तआला उस वक़्त तक उस औरत से नाराज़ रहता है,

नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम इरशाद फ़रमाते हैं

क़सम है उस ज़ात की जिसके क़ब्ज़ा ए क़ुदरत में मेरी जान है, जब भी कोई शख़्स अपनी ज़ौजा को बिस्तर पर तलब करे (बुलाए) और वह इन्कार कर दे तो उसका ख़ाविंद जब तक उस पर राज़ी न हो अल्लाह तआला उस वक़्त तक उससे नाराज़ रहता है

📚 المرجع السابق

और जो औरत अपने शौहर की इजाज़त के बग़ैर घर से निकले और उस पर उसके शौहर को नाराज़गी व नागवारी हो तो ऐसी औरत पर फरिश्ते और जिन्न व इन्स तो लानत करते ही हैं उनके अलावा हर वह शय कि जिन पर से औरत का गुज़र होता है लानत करती हैं

जैसा के हदीसे पाक में है

रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम फ़रमाते हैं

जो औरत अपने घर से बाहर जाए और उसके शौहर को ना गवार हो जब तक पलट कर आए आसमान में हर फरिश्ता उस पर लानत करे और जिन्न व आदमी के सिवा जिस जिस चीज़ पर गुज़रे सब उस पर लानत करें

📚 बा हवाला फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 197, निस्फ़ अव्वल)
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 164--165)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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