बच्चों को अफ़यून खिलाना है


सवाल अक्सर औरतें ख़ासकर शहरों में जब बच्चे ज़्यादा रोते हैं और परेशान करते हैं, तो उनको अफ़यून ख़िला देती हैं ताकि मस्त पड़ा रहे और परेशान ना करे, तो इस बारे क्या हुक्म है

अल जवाब यह हराम व नाजाइज़ है अगरचे उसको थोड़ी सी दी जाए क्योंकि हर वह शय जिसके पीने से अक़ल मैं फुतूर आ जाए और नशा आ जाए हराम है और हदीसे पाक में ऐसी अशया के इस्तेमाल की मुमानअ्त आई है

हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत है

रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया

كل شراب عسكر فهر حرام

यानी----हर पीने वाली चीज़ जो नशा आवर हो वह हराम है

📗 مشكوة باب الخمرو وعيد شار بها صفحہ 317


📘 بخارى كتاب الاشربه باب الخمر من العسل وهوالبتع جلد 2 صفح 837

और इसी मिश्कात में हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है

रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया


كل مسكر حرام

यानी---- हर चीज़ जो नशा लाए हराम है

📗 अल मर्जउस्साबिक़)

और मुजद्दिदे आज़म सरकार आला हज़रत अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं

अफ़यून, भंग, वग़ैरह ख़ुश्क चीज़ें के नशा लाती या तख़दीर व तफ़तीर करती हैं, उनका नशा हराम है

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 07 निस्फ़ आखिर)

और इसी में सफ़ह 134 पर मज़कूर है

शराब हराम भी है और नजिस (नापाक) भी उसका खारिज बदन पर लगना भी जाइज़ नहीं, और अफ़यून हराम है नजिस नहीं, खारिज बदन पर इसका इस्तेमाल जाइज़ है बच्चे को सुलाने या रोने से बाज़ रखने के लिए अफ़यून देना हराम है और उसका गुनाह उस देने वाले पर है बच्चे पर नहीं

📚 फ़तावा रज़वियह शरीफ़)

हुज़ूर सदरुश्शरिअह बदरुत्तरीक़ह हज़रत अल्लामा अमजद अली आज़मी अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं

बअ्ज़ औरतें बच्चों को अफ़यून खिलाया करती हैं, और उनकी गर्ज़ यह होती है कि इसी के नशा में पड़ा रहेगा, परेशान नहीं करेगा, यह भी नाजाइज़ है, क्योंके बच्चा को अगरचे थोड़ी मिक़दार में दी जाती है, मगर वह इतनी ज़रूर होती है कि उसकी अक़ल में फुतूर आ जाए

📚 बहारे शरिअत हिस्सा 16 सफ़ह 12)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 163--164)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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