भजन गाने और शराब पीने वालों के लिए क्या हुक्म है

सवाल➻ क्या फरमाते है उलमा-ए-किराम के जैद मन्दिर में जाकर भजन गाता और गवाता है सूद ब्याज़ खुलेआम लेता है शराब खुलेआम पीता है जुआ खुलेआम खेलता है, इसके बारे में क़ुरआन हदीस की रौशनी में जवाब इनायत करें महरबानी होगी

जवाब ➻ ज़ैद अगर वाक़ई ऐसा करता है जैसा सवाल में ज़िक्र किया गया तो जैद इस्लाम से खारिज़ हो गया, यानि काफिर हो गया, तौबा व तजदीदे ईमान व तजदीदे निकाह लाज़िम है, मुफ्ती शरीफुल हक़ अमजदी फतावा शारेह बुखारी में इसी तरह के एक सवाल के जवाब में फरमाते हैं, जो शख्स हिन्दुओं के पूजा के गीत और भजन में शरीक़ होता है वह मुसलमान नहीं वह इस्लाम से निकल गया उसकी बीवी उसके निकाह से निकल गयी

📕फतावा शारेह बुखारी,जिल्द,2 सफह 617

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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