ग़रारा पहनना कैसा

सवाल ग़रारा (यानी जिसमें कलिंया डालकर घेर बढ़ा दिया जाता है) क्या औरतों के लिए मख़्सूस है,

अल जवाब हां, ग़रारा यानी जिसमें कलिंया डालकर घेरा बढ़ा दिया जाता है यह औरतों के लिए मख़्सूस है, और मर्दों के लिए ना जाइज़ है,

जैसा कि आलाहज़रत अलैहिर्रहमा तहरीर फ़रमाते हैं

ग़रारे दार जिसमें कलिंया डालकर घेर बढ़ा दिया जाता है, यह मर्दों के लिए बिला शुबा नाजाइज़ है, कि इन बिलाद में कलियोंदार पायजामे ख़ास लिबासे औरत हैं, और औरतों से तश्बीह हराम मर्द अगर पहनते हैं तो वही ज़नाने या नक़ाल या बद वज़अ् फ़ुस्साक़ इन लोगों से भी मुशाबहत ममनू है,


📚 फ़तावा रज़वियह, जिल्द 9, सफ़ह 84)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल, सफ़ह 38--39)

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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