बालिग़ दूल्हा के बदन पर उबटन (बक्वा) लगाना कैसा

 


सवाल बालिग़ दूल्हा के बदन पर मेहरम और ग़ैर मेहरम औरतें उबटन (बक्वा) मला करती हैं, तो क्या हुक्म है,

अल जवाब बालिग़ दूल्हा के बदन पर औरतों का उबटन मलना नाजाइज़ है, औरत ख्वाह मेहरम हो या ग़ैरे मेहरम, हां अगर (दूल्हा) नाबालिग हो, और उमर 9---10 साल की हो तो कोई मुमानअत और गुनाह नहीं

जैसा के आला हज़रत अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं

दूल्हा की उम्र 9-10 साल की हो तो अजनबी औरतों का उसके बदन में उबटन मलना भी गुनाह व ममनूअ् नहीं हां बालिग़ के बदन में ना मेहरम औरतों का मलना नाजाइज़ है, और बदन को हाथ तो मां भी नहीं लगा सकती यह हराम और सख्त हराम है

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 170, निस्फ़ आखिर)

अल इन्तिबाह

लिहाज़ा मालूम हुआ के आज जो मेहरम और ग़ैर मेहरम औरतें नौजवान बालिग़ नौशा (दूल्हा) को उबटन लगाती हैं जैसे कि मां, खाला, फूफी भाभी और चाची और नाई की औरतें वगैरह यह नाजाइज़ व हराम और गुनाह है

अल्लाह हमें शरीअते ताहिरा पर अमल करने की तौफ़ीक़ दे आमीन

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 81)

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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