औरतों को सिन्दूर लगाना कैसा

सवाल क्या औरतों को टिकली (बिंदिया), सिन्दूर या इस तरह का कोई रंग लगाना जाइज़ है)

अल जवाब पेशानी पर टिकली (बिंदिया) लगाना और मांग में सिंदूर वगैरह भरना हराम है

हुज़ूर सदरुश्शरिअह अलैहिर्रमह फ़रमाते हैं सिंदूर लगाना मसलह में दाखिल और हराम है, नीज़ उसका जुर्म पानी बहने से मानेअ् होगा, जिससे गुसल नहीं उतरेगा

📗 फ़तावा अमजदियह जिल्द 04 सफ़ह 60)

और इस लिए भी टिकली (बिंदिया) वगैरह लगाना हराम है कि उसमें ग़ैर मुस्लिमों से मुशाबहत है

हदीसे पाक में है नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम इरशाद फ़रमाते हैं

यानी जो किसी क़ौम से मुशाबहत रखे वह उसी में से है,

📗 मिश्कात सफ़ह 375)

फ़तावा अमजदियह में है

अफ़शां या टिकली भी वुज़ू व ग़ुसल के अदा करने में मानेअ् हैं, और टिकली (बिंदिया) में हिन्दुओं से मुशाबहत होती है कि मुसलमान औरतें इस्तेमाल नहीं करतीं-- उनसे एहतराज़ चाहिए

📘 अल मर्जउस्साबिक़)

अल इन्तिबाह मालूम हुआ कि टिकली (यानी बिंदिया) लगाना और मांग में सिंदूर या कोई और रंग लगाना सब हराम है,

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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