औरतों को नमाज़ में कितना बदन ढकना ज़रूरी है

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सवाल औरतों को नमाज़ में कितना बदन ढकना ज़रूरी है

अल जवाब आज़ाद औरतों को सर से पांव तक तमाम बदन का छुपाना फ़र्ज़ है, मगर चेहरा यानी पेशानी से ठोड़ी और एक कनपटी से दूसरी कनपटी तक (जिसमें सर के बालों या कान का कोई हिस्सा दाख़िल नहीं, ना ठोड़ी के नीचे का) यह तो बिल इत्तिफ़ाक़ नमाज़ में छुपाना फ़र्ज़ नहीं, और गट्टों तक दोनों हाथ, टखनों तक दोनों पांव इनमें इख़्तिलाफ़े रिवायात है, इनके सिवा अगर किसी उज़्व का चौथाई हिस्सा नमाज़ में क़सदन (यानी जानबूझकर) खोले अगरचे एक आन को बिला क़स्द ब क़दर अदाए रुक्न यानी तीन बार सुब्हानअल्लाह कहने की देर तक खुला रहे तो नमाज़ ना होगी और बारीक कपड़े जिनसे बदन नज़र आए या रंगत दिखाई दे या सर के बालों की स्याही चमके तो नमाज़ ना होगी

📔 अल मलफ़ूज़ जिल्द 1, सफ़ह 21)

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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