हजरत फातिमा रजी अल्लाह तआला अन्हा की नज़र


सवाल एक सवाल है के अगर ह़ज़रते फातिमा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा के नाम से फातिहा नज़रो नियाज़ की जाये तो क्या उस खाने को मर्द हज़रात नहीं खा सकते हैं क्योंकि हमारे यहाँ मर्द को नहीं दी जाती ये बात कहाँ तक दुरुस्त है

जवाब हज़रते फातिमा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा के नाम से की हुई फातिहा नज़रो नियाज़ मर्द व औरत सब खा सकते हैं इस में कोई हरज नहीं जो कहता है नहीं खाना चाहिए या जहाँ पर नहीं खाते ये उनकी जिहालत है, आला हज़रत इमाम अह़मद रज़ा ख़ान क़ादरी बरकाती बरेलवी अलैहिर्रह़मा इरफ़ाने शरीयत में इसी तरह के एक सवाल के जवाब में आप इरशाद फरमाते हैं के मर्द को भी खाना चाहिए कोई मुमानियत नहीं

📗इरफ़ाने शरीयत सफह नः 10

अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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