क्या शौहर का अपनी बीवी के जनाज़े को उठा सकता है या नही ?


 क्या शौहर का अपनी बीवी के जनाज़े को उठा सकता है या नही ?

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अवाम में यह ग़लत मशहूर है कि शौहर,, बीवी,, के मरने के बाद ना बीवी को देख सकता है ना उसके जनाज़े को हाथ लगा सकता है और ना कांधा दे सकता है। सही बात यह है कि शोहर के लिए अपनी बीवी को मरने के बाद देखना भी जायज़ है और उसके जनाज़े को उठाना, और कांधा देना और क़ब्र में उतारना भी जायज़ है

📖 (फ़तावा रिज़विया, जिल्द 4, सफ़्हा 91)

📚 (ग़लत फहमियां और उनकी इस्लाह, सफ़्हा न. 56)

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

1 टिप्पणियाँ

  1. السلام علیکم و رحمۃ اللہ وبرکاتہ
    कुछ सवाल है जवाब इनायत फरमाएं
    इमाम नमाज़ पढ़ा रहा है ऐसी हालत में अगर इमाम को कुछ हो गया जैसे इमाम बेहोश हो गया, जिससे इमाम आगे नमाज़ नही पढ़ा सकता तो उस सूरत में नमाज़ कौन पढ़ाए पीछे पढ़ रहे नमाजियों का क्या फर्ज बनता है

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