ग्रुप रज़ा कमेटी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
सवाल
हुज़ूरे वाला अर्ज़ है की मस्जिद के ज़िम्मेदार या मुतवल्ली बनने के लिए क्या कुछ शराईत हैं अगर हैं तो क्या-क्या है बराए मेहरबानी मअ हवाला जवाब से नवाज़े बहुत मेहरबानी होगी❓
साईल मोहम्मद अकबर रज़ा क़ादरी रज़नी साकिन चंदवार कोल्हा वाया किशनगंज जिला पूर्णिया (बिहार)
जवाब
मस्जिद के ज़िम्मेदारान व मुतवल्लीयान हज़रात का मुस्लमान सुन्नी सहीहुल अक़ीदा होना शर्त है, बाक़ी उन का दीनदार अमानतदार और दोनों तरह के हुक़ूक़ (हुक़ूक़ुल्लाह व हुक़ूक़ुल एबाद) की मारफत रखने वाले बा अमल होना चाहिए फुस्साक़ व फुज्जार ना हों
जैसा की सैयदी सरकारी आला हज़रत अज़ीमुल बरकत मुजद्दीदे दीनों मिल्लत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले रहमतुल्लाह तआला अलैह बरेली फरमाते हैं ⤵️
मुतवल्ली मस्जिदे क़ादिर मुत्तदीन होना चाहिए कि होशियारी दयानत दारी से काम कर सके, औक़ाफे मस्जिद का सब नज़म व नुस्क़ उसके सुपुर्द होगा नीज़ निगाहदाश्त गौर पर्दाख्त
📚 (फतावा रज़विया जिल्द १२ सफा ३६८/ मतबुआ इमाम अहमद रज़ा अकैडमी)
والله و رسولہ اعلم بالصواب
✍🏻 अज़ क़लम हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साजिद चिश्ती साहब किबला खादीम :-(मदरसा दारे अर्क़म मोहम्मदिया मीरगंज बरैली शरीफ)
✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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