हालत ए नाबालिग़ में किए हुए निकाह का क्या हुक्म है ?

 




सवाल 


एक नाबालिग़ लड़की का निकाह मां बाप ने एक लड़के के साथ करवा दिया और रुखसती भी नहीं हुई कुछ दिनों के बाद मां-बाप वह लड़की नहीं देना चाहते बल्कि उसकी बहन देना चाहते हैं तो क्या हुक्म होगा याद रहे लड़की निकाह के वक़्त भी नाबालिग़ थी अब भी नाबालिग़ हैं ❓


साईल मोहम्मद तनवीर अहमद (सीतामढ़ी बिहार)



जवाब 


बाप और दादा को इख्तियार हासिल है कि अपनी नाबालिग़ औलाद का अक़्द जिस सुन्नी सहीहुल अक़ीदा से किया वह निकाह नाफिज़ हो गया, अब बगैर तलाक़ हासिल किए दूसरी जगह शादी करना हराम, और तलाक़ के लिए लड़के का बालिग़ होना ज़रूरी है हालत ए नाबालिग़ी में दी हुई तलाक़ का एतबार नहीं है अब खयार ए बुलूग़ के लिए २ शर्ते हैं ⤵️


निकाह बाप या दादा ने ना किया हो या किसी दूसरे ने किया हो और औरत ने अपने इख्तियार को बालिग़ होते ही फौरन इस्तेमाल करे और ज़रा भी ताखीर की तो हक़्क़े इख्तियार बातिल हो जाएगा


📚 दुर्रे मुख्तार में है ⤵️





ولو زوجهاغير الاب والجد ولوام او القاضي لهما الخيار بعد البلوغ


 




📚 (बहवाला फतावा ए बहरूल उलूम जिल्द 4 सफा 34)


इसलिए जब तक तलाक़ नहीं हासिल करते हैं उस वक़्त तक वह लड़की ज़ौजा है बगैर तलाक़ हासिल किए हुए दूसरी बहन का निकाह करना हराम है


       والله اعلم بالصواب


✍🏻 अज़ क़लम हज़रत मुफ्ती मोहम्मद रज़ा अमजदी साहब किबला मद्दज़िल आली वन्नूरानी (दारुल उलूम रज़विया बड़ा बरियारपुर मोतिहारी मशरक़ी चंपारण बिहार)

साकिन (हरपुरवा बाजपट्टी सीतामढ़ी बिहार)




✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)

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