मामू का अपनी भांजी से निकाह़ करना कैसा ?



रज़ाई रिश्ते की वजह से निकाह का हुक्म

सवाल एक औरत का इंतक़ाल हो गया उनके एक बेटा और एक बेटी थी नानी ने दूध पिलाया अब उस लड़के का निकाह उसकी सगी ख़ाला की बेटी से हो गया और उनकी तीन औलाद भी हैं अब नानी का इंतकाल हो गया उन्होंने ने ही इस बात का तज़किरह किसी से किया था शरीयत की रोशनी में इसका क्या हुक्म है ?

साइल: मोहम्मद यूसुफ़, फ़तेहपुर (यू.पी.)

अल जवाब अल्ला हुम्मा हिदायतु अलहक़ बिस्सावाब 

अगर नानी ने अपने नवासे को मुद्दतें रज़ाअत मे दूध पिलाया तो उसकी खाला उसकी रज़ाई बहेन हुई और खाला की बेटी उसकी रज़ाई भांजी तो अब भांजी से निकाह़ हराम है जैसा कि अल्लाह तआला क़ुरआन पाक मे फ़रमाता है कि 

तुम पर हराम कर दी गईं तुम्हारी माएँ, तुम्हारी बेटियाँ...और तुम्हारी बहनें और तुम्हारी फुफियॉं और तुम्हारी खालाऐं और तुम्हारी भतिजियॉं और तुम्हारी भांजियॉं और तुम्हारी वो मॉंए जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया (सूरह-निसा, आयत 176)

इससे साबित हुआ कि दूध पिलाने से भी वही रिश्ते हराम होते हैं जो नसब (खून के रिश्ते) से हराम होते हैं

और हदीस पाक मे है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: रज़ाअत से वही रिश्ते हराम होते हैं जो नसब से हराम होते हैं। (मिशकात शरीफ़, पेज 273)

खुलासा कलाम ये है कि अगर भांजी का निकाह़ मामू से जाइज़ ही नहीं हुआ तो दोनों पर लाज़िम है कि फ़ौरन अलग हो जाए और हरगिज़ मियां बीवी का ताल्लुक क़ाइम न करें बनाना कि ये ज़िना है। और ज़िना हराम है और घर वालों पर भी फ़र्ज है कि दोनों को अलग रखें वर्ना वो भी सख्त गुनहगार होंगे और अगर कुदरत के बावजूद उनके घर वाले एैसा न करे तो मुसलमानों पर उन सब का बाईकाट करना लाज़िम है 

अगर घर वाले जानने के बावजूद अलग नहीं करते तो वे भी गुनहगार होंगे। और एैसा ही फ़तावा फ़ैज़ुर्रसूल, जि. 1, पेज 726 पर भी लिखा है।

वल्लाहो आलमु बिस्सवाब 

कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफ़ीक़ रज़ा रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मंसूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टॉप किशनपुर अल-हिन्द

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