चाश्त नमाज़ के फज़ाईल और उसका वक्त क्या है

 ग्रुप रज़ा कमेटी सेमरबारी दुदही कुशीनगर 

                         



सवाल


नमाज चाशत के फज़ाईल क्या है और उसका वक्त कब से कब तक रहता है बयान कीजिए ?


जवाब


हदीस शरीफ मैं है जिसने चाशत की 12 रकातें पढ़े अल्लाह पाक उसके लिए जन्नत में सोने का महल बनाएगा


📚 (जाम ए तिरमीज़ी शरीफ अबवाबुल वित्र बाब माजा ए फी सलातीद दुहा अल हदीस 472 जिल्द 2 सफा 17)

📚 (बाहर ए शरीयत हिस्सा 4)


अहमद व तिरमिज़ी व इब्न माजा अबू हूरैरा रज़ि अल्लाहु ताला अंह से रावी कि फरमाते हैं सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम जो चाशत तू 2 रकातों पर मुहाफीज़त करे उसके गुनाह बख्श दिए जाए अगर चे समंदर के झाग़ के बराबर हों


📚 (अल मुसनद लील इमाम ए अहमद बिन हमबल मुसनद व अबी हुरैरत अल हदीस 10485)


सही मुस्लिम शरीफ में अबूजर रज़ि अल्लाहु ताला अंह से मरवी कि फरमाते हैं रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आदमी पर उसके हर जोड़े के बदले सदक़ा है (और कुल 360 जोड़ हैं) हर तस्बीह सदका है और हर हमद सरक़ा का है और (ला इलाह इलल्लाह कहना सदक़ा है और अल्लाहु अकबर कहना सदक़ा है और बुरी बात से मना करना सदक़ा है और इन सब की तरफ से 2 रकात चाशत की कफायत करती है


📚 (सही मुस्लिम किताबुस सलातुल मुसाफरीन बाब इसतिहबाब........ अल हदीस.720 सफा 363)

📚 (ब हवाला बहार ए शरीयत हिस्सा 4 सफा 679)


इसका वक्त आफताब बुलंद होने से जवाल यानी निसफुन नहार शरई तक है और बेहतर यह है कि चौथाई दिन चढ़े पढ़े


📚 (बाहर ए शरीयत हिस्सा 4 सफा 679)


यह भी सुन्नत है कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा 12 रकातें हैं और अफज़ल 12 हैं


📚 (कानून ए शरीयत 227)


✍🏼 अज़ कलम हजरत सैयद फैज़ानुल क़ादरी



✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)

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