एलआई सी (LIC) करवाना कैसा है

 ग्रुप रज़ा कमेटी सेमरबारी दुदही कुशीनगर

                         




सवाल


क्या फरमाते हैं उलमा ए दीन इस मसला के बारे में की पालसी FIX और डिपाज़ीट और बैंक से मिलने वाली ज़ायद रकम उसका लेना और अपने मसरूफ में इस्तमाल करना कैसा है LIC मैं जो लोग एजेंट हैं उनकी आमदनी जायज है या नाजायज कुरान व हदीस की रोशनी में जवाब इनायत फरमाएं



साईल गुलाम यासीन




जवाब 



हिंदुस्तान में लाइफ इंसुरेंस यानी जिंदगी बीमा कराना जायज़ है


मगर हर शक्स को इजाजत नहीं सिर्फ उसी को इजाजत है जिसको अपनी मौजूदा माली हालत के साथ 3 साल कि मुकर्ररा या उसके बाद की मुद्दत मौसीअ तक 3 साल की तमाम किस्तें जमा करने का ज़न गालिब मुलहक़ बिल यकीन हो और जिसकी मौजूदा माली हालत मुद्दत मौसीअ तक 3 साल की पालसी कायम रखने के काबिल नहीं इसका ज़न गालिब मुलहक़ बिल यकीन नहीं तो ऐसे शक्स को बीम पालसी की इजाजत नहीं


📚 (सहीफा फिक़ह इस्लामी सफा 32)


जिंदगी बीमा से हासिल शुदा आमदनी हलाल है उसे अपने दीनी व दुनियवी उमुर में सर्फ करना भी जायज है


कि वह नफा हकीकत में सुद नहीं बल्कि एक जायज़ माल है जो मालिक की रज़ा से मिलता है


📚 (तहक़ीक़ व तफसील के लिए रिसाला जदीद बैंक कारी व इस्लाम का मुतालआ करें)


📚 (फतावा ए मर्कज़ तरबियत इफता जिल्द 2 सफा 273)


✍🏼 अज़ क़लम हजरत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल अमजदी साहब किबला



✍🏻 हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)

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