सवाल हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का सीना ए मुबारक कितनी बार शक़ किया गया और कब कब?
जवाब शक़े सदर चार बार हुआ(1)जब आप हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हलीमा सदिया के धर थे उस बार शक़े सदर में वह नुक़्ता था कि खेल की रग़बत जो लड़कों के दिल में होती है आपके दिल से दुर हो जाए और बुजुर्गो की तरह तमकीन और वक़ार हासिल हो(2)दस बरस की उम्र शरीफ़ में सीना मुबारक फ़रिश्तों ने चाक किया और शफ़क़्क़त और मैहरबानी से भर दिया ताकि ग़ज़ब और गुस्सा कि इस उम्र का मुक़्तज़ी है कि दबा रहे और मेहर व मुहब्बत कि गुनाहगार उम्मत को इसकी हाजत होती है ताकि गुनाहगार उम्मत को इसकी आदत हो जाए(3)बेअसत के करीब दिल मुकद्दस को चाक किया ताकि बारे वही का तहम्मुल हो और कलामें इलाही को समझने की कुब्ब हासिल हो(4)मैराज की रात यह वाक़ेअ हुआ कि दिल मुबारक में अनवार व तजल्लियाते और व मुआरिफ की इस्तेदाद और क़ाबलियत पैदा हो और आपका हौसला बक़द उन तरक्कियात में कमालात के कि इस रात इनायत होंगें वसीअ फराख़ हो जाए
(तफ्सीर अलम नशरह 10/16/मदारिज़नबुव्वत 1/222)
कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
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