बग़ल के बाल और ज़ेरे नाफ बाल साफ करना


बग़ल के बाल और ज़ेरे नाफ बाल साफ करना और जदीद साइंस

हज़रत अनस رضی اللہ تعالی عنہ की रिवायत के मुताबिक़ बग़ल के बाल साफ करने और ज़ेरे नाफ बाल साफ करने के सिलसिले में ज़्यादा से ज़्यादा चालीस दिन की मुद्दत मुक़र्रर फरमाई है

📚 निसाई शरीफ, जिल्द 1 )

तिब्बे जदीद के मुताबिक़ हमारी जिल्द ( खाल ) में तरो ताज़गी को क़ायम व दायम रखने के लिए ख़ुदा ए पाक ने ऐसे ग़दूद पैदा फरमाए हैं जिनको रोग़नी ग़दूद का नाम दिया जाता है जिस्म के वो हिस्से जहाँ से बालों को साफ करने का शरई हुक्म है क़ुदरत की कारीगरी देखिए कि वहां पर क़ुदरती तोर पर ही यह ग़दूद कम ही होते हैं ताकि उनकी रतूबत वहां पर उगने वाले बालों की नशूदो नुमा को मुतअस्सिर न करे 

जदीद साइंसी तैहक़ीक़ के मुताबिक़ खाल के इन मज़कूरा मख़सूस हिस्सों को हर वक़्त आकसीजन की ज़रूरत होती है और अगर इन हिस्सों पर बाल बढ़े हुए हों तो एक तो खाल को आकसीजन मिलने की बराहे रास्त कमी हो जाती है दूसरे यह के बालों की कसरत की वजह से इन हिस्सों की कमा हुक़्क़ा सफाई नहीं हो सकती नतीजतन मैल की पपड़ियाँ जम कर खाल के सुराख़ को बन्द कर देते हैं और खाल को आकसीजन की फराहमी मुनक़तेअ ( ख़तम होना ) हो जाने की वजह से खाल की ख़ारिश फोड़े और फुंसी वग़ैरह का ख़ासा इमकान होता है इसके अलावा क़ुव्वते मख़सूसा भी मुतअस्सिर होती है 

अतबा की तेहक़ीक़ के मुताबिक़ चालीस दिनों के बाद भी अगर मख़सूस हिस्सों से बालों को साफ ना किया जाए तो बाल इस हद तक बढ़ जाते हैं कि ना सिर्फ आकसीजन की फराहमी में नुमाया कमी वाक़ेअ हो जाती है बल्कि यह हिस्से मैल कुचैल और जरासीमों की आम जगह बनकर जुऐं और पिस्सू पड़ने का सबब बनते हैं

फिरांस के माहेरीन खाल के मुताबिक़ कहते हैं की अगर बग़ल के बालों और ज़ेरे नाफ बालों को ताख़ीर ( देर ) से साफ किया जाए तो उसके बुरे असरात ना सिर्फ खाल के अन्दर पाए जाने वाले रोग़नी ग़दूद

oily glands पर पड़ते हैं बल्कि ख़तरनाक क़िस्म के जिंसी मर्ज़ों का जन्म लेने का ख़दशा भी होता है हत्ता के जलन एडज़ सूज़ाक और कोढ़ वग़ैरह के जरासीम भी पैदा हो सकते हैं जो दोराने मुक़ारिबत ( जिमाअ ) औरतों में भी मुनतक़िल ( दाख़िल ) हो सकते हैं 

नफसियाती माहेरीन के मुताबिक़ अगर इन बालों को जल्द अज़ जल्द ना तराशा जाए तो उनके बद असरात आसाबी निज़ाम में ख़लल डाल कर बे शुमार नफसियाती पेचीदगियों का पेश ख़ैमा बन जाते हैं ऐसे इंसान बहुत जल्द दबाओ मायूसी और ख़ोफ वग़ैरह का शिकार हो जाते हैं बल्कि अकसर व बेशतर लोग तो माइल बा ख़ुद कशी भी हो जाते हैं 

سبحان اللہ

मज़कूरा बाला ख़दशात के पेशे नज़र ही रसूल ए पाक ने बनी नौए इंसान को यह हिदायत फरमाई है के ज़ेरे नाफ और बग़ल के बालों को चालीस दिन के अन्दर अन्दर साफ कर लिया करो

📘 इबादत और जदीद साइंस सफ़ह 30

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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