बिल या सुराख़ में पेशाब करना कैसा


बिल या सुराख़ में पेशाब करने की मुमानिअत

हज़रत अब्दुल्लाह रजी अल्लाह ताला अन्हो रवी है कि ताजदार ए रिसालत ने फरमाया के तुम में से कोई भी शख़्स सुराख़ ( बिल वग़ैरह) में पेशाब ना करे 📗 मिश्कात शरीफ )बिल या सुराख़ में पेशाब करने की ग़लती उमूमन ऐसे इलाक़े में की जाती है जहाँ तहारत ख़ाने या बैतुल ख़ला मोजूद नहीं हो उमूमन देहाती या खुले इलाक़ो में लोग काम काज करते हुए उधर ही किसी बिल या सुराख़ में पेशाब करने के लिए बैठ जाते हैं शायद वो पेशाब की छीटों वग़ैरह से बचना चाहते होंगे या फिर शोक़िया यह हरकत कर डालते हैं लेकिन ऐसे लोगों को नोट कर लेना चाहिए कि रसूल ए पाक ने ऐसी हरकत करने से मना फरमा रखा है, क्यों इस लिए कि जिस बिल में पेशाब किया जा रहा है उसमें कोई मूज़ी जानवर मसलन  

( बिच्छू या सांप वग़ैरह ) 

छुपा बैठा हो और जब आपके पेशाब का नीम गर्म पानी उस पर पड़ेगा तो वो ला मुहाला बाहर का रुख़ करेगा तो फिर क्या होगा ? 

ऐसा भी हो सकता है कि वो मूज़ी जानवर ख़ुदा न ख़्वास्ता आपको काट ले और आपको जान के लाले पड़ जाएँ 

ऐसा भी हो सकता है कि उस मूज़ी जानवर को अचानक देख कर आप घबरा जाएँ और आपका पेशाब डर और खोफ की वजह से फोरन बन्द हो जाए इस तरह फोरन बन्द हो जाने वाले पेशाब के इतने ख़तरनाक नुक़सानात हैं कि सांप वग़ैरह के काटे के भी इतने मुज़िर असरात नहीं हैं पेशाब करते हुए रोक कर भागने से मिर्गी के दोरेे बे होशी के दोरे पागल पन और गुरदों के ख़तरनाक मर्ज़ हो सकते हैं 

यह भी हो सकता है कि ख़तरनाक जानवर को अचानक देख कर आप अपने आप पर कन्टरोल ना रख सकें और बेहोश हो जाएँ ऐसी बरहना हालत में किसी जगह बेहोश पड़ा हुआ होना भला कोन बर्दाश्त कर सकता है 

जिस बिल में आप पेशाब कर रहे हैं उसमें बिलफर्ज़ कोई जानवर ना भी उस वक़्त मोजूद हो और अगर उस बिल में उसका पेशाब पाख़ाना वग़ैरह पड़ा हुआ हो तो जब आपका किया हुआ पेशाब उस जानवर के पेशाब वग़ैरह पर पड़ेगा तो उसके जरासीम मुख़ालिफ सिम्त में चलते हुए आपके जिस्म में दाख़िल हो कर बहुत सारे ख़तरनाक मर्ज़ो के बनाने का ज़रिया बन सकते हैं

मैदानी इलाकों में बाज़ ज़मीनें कलर थोर और शोर ज़दह होती हैं ऐसे सुराख़ों या बिलों के अन्दर तेज़ाबी माद्दे पाए जाते हैं आप जानते हैं कि पेशाब बज़ात ए ख़ुद एक क़िस्म का तेज़ाब है तो जब आप ऐसे सुराख़ में पेशाब करेंगे तो ज़ाहिर है एक तेज़ाब पर जब दूसरा तेज़ाब पड़ेगा तो फोरी तोर एक रीएक्शन होगा जिसकी वजह से ज़ैहरीले बुख़ारात उठेंगे जो आपके जिस्म से जब टकराएँगे तो यक़ीनन नुक़सान दह साबित होंगे यक़ीनन इन्हीं वजहाओं की वजह से रसूल ए पाक ने अपने ग़ुलामों को बिल या सुराख़ वग़ैरह में पेशाब करने से मुतलक़न ही मना फरमा दिया है 📘 इबादत और जदीद साइंस सफह नम्बर 24)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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