नमाज़ मे कितने मकरूहात हैं


सवाल नमाज़ के अन्दर जो बातें मकरूह हैं उन्हें बताइये

जवाब कपड़े बदन या दाढ़ी के साथ खेलना कपड़ा समेटना मसलन सजदा में जाते वक़्त आगे या पीछे से उठा लेना कपड़ा लटकाना यानी सर या मूंढे (कंधे) पर इस तरह डालना के दोनों किनारे लटकते हों किसी आस्तीन का आधी कलाई से ज़्यादा चढ़ाना दामन समेट कर नमाज़ पढ़ना शिद्दत (तेज़) का पाख़ाना पेशाब मालूम होते वक़्त या ग़ल्बा ए रियाह के वक़्त नमाज़ पढ़ना मर्द का जूड़ा बांधे हुए नमाज़ पढ़ना उंगलियां चटकाना उंगलियों की क़ैंची बांधना कमर पर हाथ रखना इधर उधर मुंह फेर कर देखना आसमान की तरफ़ निगाह उठाना तश्हहुद (अत्तहीयात पढ़ते वक़्त) या सजदों के दरम्यान कुत्ते की तरह बैठना मर्द का सजदा में कलाइयों का बिछाना किसी शख़्स के मुंह के सामने नमाज़ पढ़ना कपड़े में इस तरह लिपट जाना के हाथ भी बाहर ना हों पगड़ी (अमामा) इस तरह बांधना के बीच सर पर ना हो नाक 👃 और मुंह को छुपाना बे ज़रूरत खंकार निकालना बिलक़स्द जमाही लेना और ख़ुद आए तो हर्ज नहीं जिस कपड़े पर जानदार की तस्वीर (फोटो) हो उसे पहनकर नमाज़ पढ़ना तस्वीर (फोटो) का नमाज़ी के सर पर यानी छत पर होना या मुअल्लिक़ होना या महल व सुजूद में होना कि उसपर सजदा वाक़े हो नमाज़ी के आगे या दाहिने या बाएं या पीछे तस्वीर (फोटो) का होना जब्के मुअल्लिक़ या नसब हो या दीवार वग़ैरह में मनक़ूश हो उल्टा क़ुरआन मजीद पढ़ना क़िराअत को रुकू में ख़त्म करना इमाम से पहले मुक़तदी का रुकू व सुजूद वग़ैरह में जाना या उससे पहले सर उठाना ये तमाम बातें मकरूहे तहरीमी हैं

📗अनवारे शरीअत, उर्दू, सफ़ह 65)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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