सुन्नत और नफ़्ल का बयान!?


सवाल कितनी नमाज़ें सुन्नते मुअक्किदा हैं

जवाब दो (2) रकअत फ़जर के फ़र्ज़ से पहले चार (4) रकअत ज़ौहर के फ़र्ज़ से पहले और दो (2) रकअत ज़ौहर फ़र्ज़ के बाद दो (2) रकअत मग़रिब फ़र्ज़ के बाद दो (2) रकअत इशा फ़र्ज़ के बाद चार (4) रकअत जुमा फ़र्ज़ से पहले और चार रकअत जुमा फ़र्ज़ के बाद इन सुन्नतों को सुननुल'हुदा भी कहा जाता है 📚 बहारे शरीअत, वग़ैरह

सवाल कितनी नमाज़ें सुन्नते ग़ैरे मुअक्किदा हैं

जवाब चार (4) रकअत अस्र के फ़र्ज़ से पहले चार (4) रकअत इशा के फ़र्ज़ के पहले ज़ौहर फ़र्ज़ के बाद दो (2) के बजाए चार (4) रकअत और इसी तरह इशा फ़र्ज़ के बाद दो (2) के बजाए चार (4) रक्त मग़रिब के बाद छः (6) रकअत सलातुल अव्वाबीन दो (2) रकअत तहयतुल मस्जिद दो 2 रकअत तहयतुल वुज़ू दो 2 रकअत नमाज़े इशराक़ कम से कम दो 2 रकअत नमाज़े चाश्त और ज़्यादा से ज़्यादा बारह (12) रकअत

कम से कम दो 2 रकअत नमाज़े तहज्जुद और ज़्यादा से ज़्यादा आठ (8) रकअत सलातुल तस्बीह नमाज़े इस्तेख़रा और नमाज़े हाजत वग़ैरह इन सुन्नतों को सुननुज़्ज़वाइद और कभी मुस्तहब भी कहते हैं 📚 बहारे शरीअत)

सवाल जमाअत खड़ी होने के बाद किसी सुन्नत का शुरू करना जाइज़ है या नहीं

जवाब जमाअत खड़ी हो जाने के बाद फ़ज्र की सुन्नत के इलावा किसी सुन्नत का शुरू करना जाइज़ नहीं, अगर ये जाने के फ़ज्र की सुन्नत पढ़ने के बाद जमाअत मिल जाएगी अगरचे क़अदा ही में शामिल होगा तो सुन्नत पढ़ले मगर सफ़ के बराबर खड़े होकर पढ़ना जाइज़ नहीं बल्के सफ़ से दूर हट कर पढ़े 📗 ग़ुनियातुत्तालिबीन 📚बहारे शरीअत

सवाल किन वक़्तों में नफ़्ल नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं

जवाब तुलू (सुरज निकलने के वक़्त) व ग़ुरूब (सूरज डूबने के वक़्त) और दो पहरान तीनों वक़्तों में कोई नमाज़ जाइज़ नहीं, न फ़र्ज़ न वाजिब और न नफ़्ल हां अगर उस रोज़ अस्र की नमाज़ नहीं पढ़ी है तो सूरज डूबने के वक़्त पढ़ले, और तुलू ए फ़ज्र से तुलू ए आफ़ताब के दरम्यान (बीच) सिवाए दो 2 रकअत सुन्नते फ़ज्र के तहयतुल मस्जिद और तहयतुल वुज़ू वग़ैरह कोई नफ़्ल जाइज़ नहीं और नमाज़े अस्र से मग़रिब की फ़र्ज़ पढ़ने के दरम्यान नफ़्ल मना है नीज़ ख़ुत्बा के वक़्त और नमाज़े ईदैन से पेशतर (पहले) नफ़्ल मकरूह है, ख़्वाह घर में पढ़े या ईदगाह व मस्जिद में ओर नमाज़े ईदैन के बाद भी नफ़्ल नमाज़ मकरूह है जबके ईदगाह या मस्जिद में पढ़े घर में पढ़ना मकरूह नहीं 📚 आलम गीरी 📚 दुर्रेमुख़्तार 📚 रद्दुलमौहतार 📚 बहारे शरीअत

सवाल नफ़्ल नमाज़ बेठकर पढ़ सकते हैं या नहीं ?

जवाब बैठ कर पढ़ सकते हैं मगर जबके क़ुदरत हो तो खड़े होकर पढ़ना अफ़्ज़ल है

सवाल नफ़्ल नमाज़ अगर बैठकर पढ़े तो रुकू व सजदा कैसै करे ?

जवाब बैठकर पढ़े तो रुकू करने में पेशानी झुका कर घुटनों के सामने लाए और सुरीन न उठाए के मकरूहे तन्ज़ीही है 📚 फ़तावा रज़वियह)

और सजदा वैसे ही करे जैसे के खड़े हो कर नमाज़ पढ़ने की सूरत में करता है

📗 अनवारे शरीअत उर्दू सफ़ह 67/68/69)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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