गाढ़ी नजासत का बयान


🔶गाढ़ी नजासत वाला कपड़ा किस तरह धोए🔶

नजासत अगर दलदार या'नी गाढ़ी हो जिसे नजासते मरइय्या कहते हैं (जैसे पाखाना गोबर खून वगैरा) तो धोने में गिनती की कोई शर्त नहीं बल्कि उस को दूर करना ज़रूरी है अगर एक बार धोने से दूर हो

जाए तो एक ही मर्तबा धोने से पाक हो जाएगा और अगर चार पांच मर्तबा धोने से दूर हो तो चार पांच मर्तबा धोना पड़ेगा हां अगर तीन मर्तबा से कम में नजासत दूर हो जाए तो तीन बार पूरा कर लेना मुस्तहब है

(बहारे शरीअत हिस्सा 2, स. 119, मक-त-बतुल मदीना)

🔶अगर नजासत का रंग कपड़े पर बाकी रह जाए तो?🔶

अगर नजासत दूर हो गई मगर उस का कुछ असर, रंग या बू बाकी है तो उसे भी जाइल करना लाज़िम है हां अगर उस का असर ब दिक़्क़त (या'नी दुश्वारी से) जाए तो असर दूर करने की ज़रूरत नहीं तीन मर्तबा धो लिया पाक हो गया, साबून या खटाई या गर्म पानी (या किसी किस्म के केमीकल वगैरा) से धोने की हाजत नहीं। 

(ऐज़न)📚कपड़े पाक करने का तरीका सफ़ा. 23 24

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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