क़रीबी रिश्तेदारों से पर्दे की ताईद क्यूँ

 


सवाल देवर जेठ बहनोई और खाला फूफी चचा और मामू के लड़कों और ग़ैर मेहरम रिश्तेदारों से ज़्यादा पर्दा की ताकीद क्यों

अल जवाब-- इन मज़कूरा अशख़ास से पर्दा की ताकीद इसलिए ज्यादा है कि यह आपस के मेलजोल की वजह से कोई खौफ नहीं रखते हैं और घर में आते जाते बे तकल्लुफ़ हो जाते हैं उनसे ख़तरा ज़्यादा है इसलिए उनसे पर्दा ज़्यादा लाज़िम है

आला हज़रत अलैहिर्रहमह फरमाते हैं

जेठ देवर बहनोई फूफा खालू चचाज़ाद मामूज़ाद फूफाज़ाद खालाज़ाद भाई यह सब लोग औरत के लिए महज़ अजनबी हैं बल्कि उनका ज़रर (नुक़सान) निरे बेगाने शख़्स के ज़रर (नुक़सान) से ज़ाइद है कि महज़ ग़ैर आदमी घर में आते हुए डरेगा और यह आपस के मेलजोल के बाइस ख़ौफ़ नहीं रखते औरत निरे अजनबी शख़्स से दफ़अतन मेल नहीं खा सकती और उनसे लिहाज़ टूटा होता है 

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 196,निस्फ़ अव्वल)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 77--78)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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