लाली और लिपिस्टिक लगाना कैसा है



सवाल लाली और लिपिस्टिक लगाना कैसा है

अल जवाब नाजाइज़ व हराम है इसलिए के अव्वलन तो उसके लगाने से वुज़ू व ग़ुसल में पानी अंदर जिल्द (खाल) तक पहुंचने से मानेअ् होगा और दूसरी बात यह है कि ज़ीनत का जो मक़सद है यानी हुस्न व ख़ूबसूरती वह उससे कमा हक़्क़हू नहीं हो पाती है, बल्कि थोड़ी ही देर बाद चेहरे की ख़ूबसूरती मजीद (और ज़्यादा) बिगड़ जाती है, और तीसरी बात यह है कि उसमें हराम आशिया (चीज़) अल्कोहल वगैरा की आमेज़िश (मिलावट) होती है, और चौथी बात यह है कि यह तगय्युर ख़लक़ुल्लाह है और अल्लाह व रसूल ने ऐसी औरतों पर जो क़ुदरती बनावट को बदल डालती हैं लानत फ़रमाइ है

हदीसे पाक में है

हजरत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत करते हैं

अल्लाह तआला ने उन औरतों पर लानत फ़रमाइ है जो अपने कुदरती बनावट को बदल देने वाली हैं
📔 बुखारी शरीफ़ किताबुल्लिबास बाबुल मसलिहत ज़िल्द 2 सफ़ह 879)

और उसमें धोखा भी है क्योंकि देखने वाला यही समझेगा कि यह होंठ की सुर्खी और गुलाबीपन असल और क़ुदरती है और इस्लाम में धोखा देना सख्त मना है यही वजह है कि औरत व मर्द को अपने बाल काला करने के लिए काला ख़िज़ाब काली मेहंदी या इस तरह का कोई तेल वगैरह इस्तेमाल करना जिससे बाल सियाह हो जाए नाजाइज़ है व हराम क़रार दिया गया आजकल तरह-तरह के बालों को काला करने वाले तेल और डाई वगैरह निकल रहे हैं, जैसे के केश परी (Kesh Pary) और केश किंग (Kesh King) इन सबका इस्तेमाल हराम है हां अगर केश परी और केश किंग बालों को काला करने के लिए ना हो बल्कि सिर्फ़ बालों को बढ़ाने और मज़बूत करने के लिए हो तो उनके इस्तेमाल में कोई हर्ज नहीं क्योंकि जब बाल काले कर लिए जाएंगे तो देखने वाला यही समझेगा के यह जवान है और यह धोका है, और धोका हराम है और नीज़ सिंदूर की तरह यह भी मसलह में दाखिल है और सिंदूर लगाना हराम है, तो यह भी हराम ही होगा
हुज़ूर सदरुश्शरिअह अलैहिर्रहमह फरमाते हैं

सिंदूर लगाना मसलह में दाखिल और हराम है नीज़ इसका जुर्म पानी बहने से मानेअ् होगा जिससे गुसल नहीं उतरेगा

📔 फ़तावा अमजदियह जिल्द 04 सफ़ह 60
📗 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 66)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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