शबे बरात में शकर (चीनी) पर फातिहा दिलवाना कैसा


सवाल हमारे यहाँ शबे बरात में शकर (चीनी) पर फ़ातिहा होती है तो क्या शकर पर फ़ातिहा पढ़ सकते हैं कुछ लोग कहते हैं शकर पर फ़ातिहा नहीं देना चाहिए क्योंकि तक़सीम करने में दाना गिरता है क्या ये सही है-?

जवाब हुज़ूर सदरुश्शरिअह हज़रत फ़क़ीहे आज़म मुफ्ती अमजद अली आज़मी क़ादरी अलैहिर्रह़मा तह़रीर फरमाते हैं कि जो चीज़ खाना ह़राम हो, तो उस पर फ़ातिहा पढ़ना और उसका सवाब पहूंचाना जायज़ नहीं, हदीस शरीफ में है के ह़राम चीज़ को अल्लाह तआला क़ुबूल नहीं फ़रमाता है तो न उसका कोई सवाब है न सवाब पहुंचाया जा सकता है और अगर वो चीज़ ह़राम नहीं है तो फ़ातिहा पढ़ने और इसाले सवाब करने में कोई गुनाह नहीं

📚 फतावा अमजदिया जिल्द 1 सफह 364

लेहाजा मालूम ये हुआ कि चीनी हलाल है तो उस पर फातिहा पढ़ना भी जाइज़ है फक़्त वस्सालाम

अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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