बहनोई से पर्दे का क्या हुक्म है


सवाल-- क्या औरत को बहनोई से पर्दा करना लाज़िम है

अल जवाब- बहनोई से परदा करना बेहद जरूरी बल्कि वाजिब है, क्योंकि बहनोई जिस तरह से घर के अंदर आ जा सकता है, उठ बैठ सकता है, दूसरा कोई इतनी हिम्मत नहीं कर सकता

इसीलिए तो सय्यिदी सरकार आला हज़रत बहनोई के बारे में फ़रमाते हैं के

बहनोई का हुक्म शरअ् में मिस्ले हुक्म अजनबी बल्कि उससे भी ज़ाइद कि वह जिस बे तकल्लुफ़ी से आमदो रिफत नशिस्त व बर्खास्त कर सकता है ग़ैर शख़्स की इतनी हिम्मत नहीं हो सकती लिहाज़ा सही हदीस में है

सहाबा ए किराम ने अर्ज़ की या रसूलल्लाह 

जेठ देवर और उनके मिस्ल रिश्तादाराने शौहर का क्या हुक्म है

फ़रमाया यह तो मौत हैं ख़ुसूसन हिंदुस्तान में बहनोई के बा तबा रुसूमे कुफ़्फ़ार हिंद साली बहनोई में हंसी हुआ करती है यह बहुत जल्द शैतान का दरवाज़ा खोलने वाली है

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9 सफ़ह 72 निस्फ़ आख़िर)

लिहाज़ा औरत को चाहिए के बहनोई से बजाएं हंसी मज़ाक के खूब पर्दा करे के बहनोई वगैरह देवर के मिस्ल औरत के हक में मौत हैं और उनसे फ़ित्ना का बहुत ज़्यादा रिवाज है जिसका हम आए दिन अख़बार की सुर्खियों में बाहम भाबी देवर का और कभी औरत का बहनोई के साथ और दीगर हज़रात के साथ फ़रार होने (भागने) की खबरें मुलाहिज़ा करते हैं यह सब पर्दा ना करने का और पर्दा से बहुत ज़्यादा दूर रहने का नतीजा है

अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त हमारी बहनों और बेटियों को पर्दा करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए आमीन या रब्बल आलमीन

आमीन बिजाहिस्सय्यिदिल मुरसलीन सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 75--76)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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