औरत का टख्ना खुला रखना कैसा



सवाल औरत इस तरह पायजामा पहने के टख़्ना खुला रहे तो क्या हुक्म है

अल जवाब- टख़्ना खुला हुआ पायजामा पहनना औरतों के लिए नाजाइज़ व हराम है, इसलिए कि औरत का टख़्ना व गट्टा भी सतरे औरत में दाखिल है जैसा कि रद्दुल मोहतार में है

अरबी इबारत असल किताब में मुलाहिजा हो

और आलाहज़रत अलैहिर्रहमा फ़रमाते हैं कि औरत के गट्टे सतरे औरत में दाखिल हैं ग़ैर मेहरम को उनका देखना हराम है कि औरत को हुक्म है कि उसके पायचे खूब नीचे हों के चलते में साक़ या गट्टे खुलने का एहतेमाल न रहे

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9, सफ़ह 147- निस्फ़ आखिर)

लिहाज़ा औरतों को चाहिए कि उनको भी छुपाकर रखें

बहारे शरिअत में है

आज़ाद औरतों और ख़न्शा मुश्किल यानी जिसमें मर्द व औरत दोनों की अलामतें पाई जाएं और यह साबित न हो कि मर्द है या औरत के लिए सारा बदन औरत है सिवाए मुंह की शक्ल और हथेलियों और और पांव के तलवों के सर के लटकते बाल और गर्दन और कलाईयां भी औरत हैं उनका छुपाना भी फ़र्ज़ है

📚 बहारे शरिअत जिल्द 02 सफ़ह 481

तो साबित हुआ कि टखने और गट्टे का छुपाना लाज़िम और खुला रखना या दिखाना हराम व गुनाह है

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 41--42--43)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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