खुत्बे की अजा़न मस्जिद में देना कैसा

सवाल जुमां की दूसरी अज़ान मस्जिद के अन्दर देना चाहिए या नहीं

जवाब फिक्हे हनफी की तकरीबन सारी किताबों में यह बात साफ लिखी हुई है के कोई अज़ान मस्जिद में न दी जाए- और ह़दीस शरीफ से भी यही साबित है और किसी ह़दीस और किसी इस्लामी मुअतबर व मुसतनद किताब में ये नहीं है के कोई अज़ान मस्जिद के अन्दर दी जाए, मगर फिर भी कुछ जगह कुछ लोग जुमें की दूसरी अज़ान मस्जिद के अन्दर इमाम के सामने खड़े हो कर पढ़ते हैं और सुन्नत पर अमल करने से महरुम रहते हैं और महज़ ज़िद और हटधर्मी की बुनियाद पर रसूले खुदा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की प्यारी प्यारी सुन्नत को छोड़ देते हैं- और कुछ मक़ामात पर तो लाउडस्पीकर मस्जिद के अन्दर रख कर पांचों वक़्त अज़ान पढ़ते हैं, इस तरह अज़ान देने वाले और दिलवाने वाले सब गुनहगार हैं फतावा अलमगीरी में है कि मस्जिद में कोई अज़ान न दी जाए

📚आलमगीरी बाबुल अज़ान फस्ल 2 सफह 55 📚 ब-ह़वाला ग़लत फहमियां और उनकी इस्लाह सफह 33

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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