अजा़न मअ तर्जुमा के साथ

सवाल :- अज़ान किस तरह दी जाती है और उसके अल्फाज़ क्या हैं ? 

जवाब : जब नमाज़ का वक्त हो जाये तो नमाज़ से कुछ पहले एक शख्स पच्छिम की तरफ मुँह करके जोर - ज़ोर से यह अल्फाज़ कहे उसी को अजान कहते हैं।

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर 

(अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह सबसे बड़ा है) 

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर 

(अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह सबसे बड़ा है)

अश - हदु अल्ला इला - ह इल्लल्लाह 

(मैं गवाही देता है कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं)

 अश - हदु अल्ला इला - ह इल्लल्लाह 

(मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं)

 अश - हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह 

(मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं)

 अश - हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह 

(मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं)

 हय्य अलस्सलाह हय्य अलस्सलाह (आओ नमाज के लिये) (आओ नमाज के लिये)

 हय्य अलल फलाह हय्य अलल फलाह (आओ कामयाबी की तरफ) (आओ कामयाबी की तरफ) 

 अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर 

(अल्लाह सब से बड़ा है) (अल्लाह सब से बड़ा है) 

 लाइला - ह इल्लल्लाह 

(अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं) 

⚠️ नोट : सुबह की अजान में ? हय्य अलल फलाह के बाद अस्सलातु खैरुम मिनन् नौम (नमाज़ बेहतर है नींद से) भी दो बार कहना चाहिए

📕 (इस्लामी तालीम, सफा नं: 11)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश



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