असर के बाद क़ुरआने पाक की तिलावत करना कैसा


सवाल मेरी दादी नमाज़े असर के बाद क़ुरआन पाक की तिलावत करती रहती हैं नमाज़े असर के बाद क़ुरआने पाक की तिलावत करना जाइज़ है के नहीं

जवाब बाद नमाज़े असर क़ुरआने पाक पढ़ना जाइज़ है मगर जब आफताब क़रीब गुरुब को पहुंचे और मकरुह वक़्त (गुरूबे आफ़ताब से 20 मिनट पहले मकरुह वक़्त शुरू हो जाता है) आऐ उस वक़्त तिलावत मौक़ूफ़ कर दें और ज़िक्र अज़कार किऐ जायें आफताब निकलते और डूबते और ठीक दोपहर के वक़्त नमाज़ पढ़ना नजाइज़ है और तिलावत मकरुह

📚फतावा रज़वियह शरीफ जिल्द 4 सफह 330

यानी तिलावत के अलवाह दूसरे अज़कार में मशगूल होना बेहतर है

अज़ क़लम 🌹 खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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