हाजत से जाइद मकान हो तो कुर्बानी का क्या हुक्म है


मसला एक मकान जाड़े के लिए और एक गर्मी के लिए ये हाजत में दाखिल है इन के अलावा उस के पास तीसरा मकान हो जो हाजत से ज़ाइद है अगर ये 200 दिरहम (साढ़े 52 तोला चांदी) का है तो क़ुर्बानी वाजिब है।

मसला  हाजत से ज़ाइद मकान है और उसकी क़ीमत निसाब को पहुँचती हो तो क़ुर्बानी वाजिब है अगर्चे वो मकान किराया पर चलते हो या ख़ाली पड़ा हो

बहारे शरीअत व फ़तावा रजविया जिल्द 8 सफह 389 

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

Responsive Ad