नबी के नाम के साथ सल्म या स्वाद लिखना कैसा


 सवाल 

देखा जाता है कि बाज़ लोग नबी ए करीम सल्लल्लाहो तआला अलैही वसल्लम का इस्मे मुबारक लिखकर बाद में सल अलै या सलम लिखते हैं तो क्या यह जायज है ?


जवाब 

नबी ए करीम सल्लल्लाहो तआला अलैही वसल्लम के इस्मे मुबारक के बाद दुरूद शरीफ लिखने के बदले सल.अलै या सलम. लिखना हराम है बल्कि इन अल्लम गल्लम इशारों के बदले पूरा दुरुद शरीफ, सल्लल्लाहो तआला अलैही वसल्लम

صلی اللہ تعالیٰ علیہ واٰلہٖ وسلَّم


या, अलैहि अफ़ज़लुस सलावातु वत्तसलीम


علیہ افضل الصلوات و التسلیم

 लिखना चाहिए


📚फतावा फैज़ूर रसूल, जिल्द : 02 सफ्हा नः 537


✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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