क्या औरतें पराए मर्द को सलाम कर सकती हैं ?

 क्या औरतें पराए मर्द को सलाम कर सकती हैं ?



✿➺ सुवाल


क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम व मुफ्तियाने शरअ मतीन इस मसला में कि क्या औरतें पराए मर्द को सलाम कर सकती हैं ? या नही मअ हवाला जवाब इनायत फरमाये बहुत मेहरबानी होगी


❀➺ जवाब


जब (ग़ैर मेहरम) मर्द औरत मिले तो बेहतर ये है की पहले मर्द सलाम करे, और अगर औरत सलाम कर भी दे तो मर्द को उसका जवाब ज़ोर से देना वाजिब नही बल्कि दिल मे दे सकता है औरत की आवाज़ औरत है चाहिए की ग़ैर मर्द को बिला वजह अपनी आवाज़ ना सुनाये और वजह ये हो सकती है की खास क़रीबी ग़ैर मेहरम रिश्तेदार हो, और मेहमान बन कर घर आए और सलाम ना करने से औरत को बुरा भला या घमंडी करार दें या दूसरे रिश्तेदार मे गीबत करे की फूला की बीवी या बहू सलाम नही करती तो इस फित्ने को दफ़ा करने के लिए पर्दे मे रह कर सलाम किया जा सकता है


📗बहारे शरीअत, जिल्द: 3, सफह: 461 पर है

```☞ मर्द औरत की मुलाक़ात हो तो मर्द, औरत को सलाम करे, और अगर औरत अजनबिया ने मर्द को सलाम कर दिया और बूढ़ी हो तो इस तरह जवाब दे की वो भी सुन ले और जवान हो तो इस तरह जवाब दे की वो ना सुने


📚ह़वाला पर्दादारी, सफा नं.19


✒️मौलाना अब्दुल लतीफ न‌ईमी रज़वी क़ादरी बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ बिहार 

Post a Comment

और नया पुराने