जो कपड़े पहनना हराम है उन्हें पहन कर नमाज़ पढ़ना कैसा

 


✿➺ सुवाल


क्या फरमाते हैं उलमा ए अहले सुन्नत इस बारे मे की जो कपड़ा पहनना हराम है (मसलन मर्द को रेशम वाला, औरत को मर्दाना.. वगैरह-वगैरह) उसे पहन कर नमाज़ पढ़ने से नमाज़ हो जाती है या नही?


❀➺ जवाब


ऐसी नमाज़ मकरूह तहरीमी होगी, इस तरह नमाज़ पढ़ने से गुनाह भी होगा और तोबा करना भी वाजिब और नमाज़ का फिर से पढ़ना वाजिब है जैसा की,

📗फतावा रज़विया, जिल्द:23, सफा:102 पर है नाजाइज़ लिवास के साथ नमाज़ मकरूह तहरीमी होती है, उसका (नमाज़ का) ईयादा (लौटाना) वाजिब है


📗दुरे मुख़्तार मे है यानी, हर वो नमाज़ जो कराहते तहरीमी के साथ अदा की गई हो उसका लौटाना वाजिब होता है 


📚ह़वाला पर्दादारी, सफा नं.59

     

✒️मौलाना अब्दुल लतीफ न‌ईमी रज़वी क़ादरी बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ बिहार

Post a Comment

और नया पुराने