✿➺ सुवाल
मेरा सवाल है की लेडीस जो लेगिस या चूड़ीदार पहन कर नमाज़ पड़ती हैं क्या नमाज़ हो जाएगी या उन्हे नमाज़ दोहरानी होगी?
❀➺ जवाब
लेगिस एक क़िस्म का ऐसा चुस्त लिबास है की जिसमे जिस्म की बनावट साफ ज़ाहिर होती है, और बाज़ लेगिस ऐसी भी होती है उसमे रंगत नज़र आती है, अगर लेगिस ऐसी है की उसमे चुस्त होने के साथ टांगों की रंगत नज़र आए तो, फिर उसमे नमाज़ नही होगी , और अगर रंगत नही दिखाई देती तो इस सूरत मे नमाज़ हो जाएगी, मगर ऐसा लिबास पह्न कर औरत का गैर मर्द के सामने जाना मना होगा, और अगर घर मे रहती है या औरतो मे पहनने मे हर्ज़ नही
बहारे शरीअत जिल्द:1, सफा:480, पर है
(चुस्त कपड़ा) जिससे बदन का रंग ना चमकता हो, मगर बदन से बिल्कुल ऐसा चिपका हो, की देखने से उज़व की हैयत (जिस्म की बनावट) मालूम होती है, ऐसे कपड़े से नमाज़ हो जाएगी, मगर उस हिस्से की तरफ दूसरो को निगाह करना जाइज़ नही
आलाहज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी फतावा रज़वीय्या जिल्द: 22, सफा:162, पर लिखते है,
यूँही तंग पेयजमा भी, ना चूड़ीदार हो ना (मर्द को) तखनो से नीचे, ना चुस्त बदन से सिले, की ये वाज़ेह फुससाक़ है, और सित्र ए औरत का ऐसा चुस्त होना की आज़ा का पूरा अंदाज़ बनाए. ये भी एक तरह की बे-सित्रि है
चूड़ीदार पयजामा पहनने के बारे मे आलाहज़रत इमाम अहमद रज़ा फतावा रज़वीय्या जिल्द:22, पेज : 172 पर लिखते है
चूड़ीदार पयजामा पहनना मना है की वाज़ेह फुससाक़ की है
☝🏻शैख़ अब्दुल हक़ मुहदिस ए दहैलवी किताब अदब अल लिबास मे फरमाते हैं
(शलवार जो अजमि इलाक़ो मे मशहूर वा मारूफ़ है अगर तखनो से नीचे हो या दो तीन इंच (शिकन/चूरी/बाल) नीचे हो तो बिदअत और गुनाह है,)
📚ह़वाला पर्दादारी, सफा नं.38
✒️मौलाना अब्दुल लतीफ नईमी रज़वी क़ादरी बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ बिहार
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