अल्लाह तआला को ऊपर वाला कहना?

 




सवाल



क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम व मुफ्तियाने शरअ मतीन इस मसला में कि अल्लाह ताला को ऊपर वाला कहना कैसा है जवाब अता फरमाएं जज़ाकल्लाह खैरा❓


साइल मोहम्मद कामरान खान कोरंवा


जवाब 



कुछ लोग अल्लाह तआला का नाम लेने के बजाऐ उसको ऊपर वाला बोलते हैं। यह निहायत गलत बात है। बल्कि अगर यह अकीदा रख कर यह लफ्ज बोले कि अल्लाह तआला ऊपर है। तो यह कुफ्र है। क्योंकि अल्लाह की जात ऊपर नीचे आगे पीछे दाहिने बायें तमाम सम्तों हर मकान और हर जमान से पाक है। बरतर व बाला हैं। इन सब जिहालत यानी सिम्तो पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन ऊपर नीचे दाहिने आगे पीछे ज़मान व मकान को उसी ने पैदा किया है। तो अल्लाह तआला के लिऐ यह नही बोला जा सकता कि वह ऊपर है। या नीचे है। पूरब मे है। या पच्छिम मे है। क्यूंकि जब उसने इन चीजो को पैदा नही किया था बह तब भी था कहाँ था और क्या था इसकी हकीक़त को उसके अलावा कोई नही जानता अगर कोई कहे अल्लाह तआला अर्श पर है। तो उससे पूछा जाऐ जब उसने अर्श को पैदा नही किया था तब वह कहा था यूँही अगर कोई कहे कि अल्लाह तआला ऊपर है तो उससे पूछा जाऐ ऊपर को पैदा करने से पहले बह कहा था हाँ अगर कोई अल्लाह तआला को ऊपर बाला इस ख्याल से कहे कि वह सबसे बुलन्द व बाला है और उसका मर्तबा सबसे ऊपर है तो यह कुफ्र नही है। लेकिन फिर भी अल्लाह तको ऐशे अल्फाज से बोलना सही नही जिन से कुफ्र का शुबहा हो और अल्लाह तआला को ऊपर बाला कहना बहर हाल मना है। जिससे बचना जरूरी है


कुछ लोग अल्लाह तआला को मालिक कहते हैं। कि मालिक ने चाहा तो ऐसा हो जाएगा या मालिक जो करेगा वह होगा वगैरा वगैरा। यह भी अच्छा तरीका नही है। सब से ज्यादा सीधी सच्ची और अच्छी बात यह है कि अल्लाह को अल्लाह ही कहा जाऐ क्यूकि उसका नाम लेना सबसे अच्छी इबादत है। और उसका जिक्र करना ही इन्सान का सबसे बड़ा मकसद और मुसलमान की पहचान ही यह है। कि उसको अल्लाह का नाम लेने और सुनने मे मजा आने लगे



गलत फ़हमियाँ और उनकी इस्लाह सफह नः 15/16



वल्लाह आलमु बिस्सावाब


✍🏻 अज़ क़लम खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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