मस्तामिल चीज़ों को मस्जिद में इस्तेमाल करना
(सवाल)
क्या अपनी इस्तेमाल की हुई चीज़ें जैसे चटाई, कुर्सी वगैरह मस्जिद में इस्तेमाल करना जाइज़ है या नहीं? साथ में हवाला वाला जवाब चाहिए।
(जवाब)
अपनी इस्तेमाल की हुई चीज़ें जैसे चटाई, कुर्सी, पंखा आदि अगर पाक हों और इतने जीर्ण-शीर्ण न हों कि मस्जिद में उनके इस्तेमाल को बुरा या शर्म की बात समझा जाए, तो उनका इस्तेमाल जाइज़ है जैसे मुसल्ला और हाथ का पंखा।
ऐसी चीज़ें मस्जिद में आरियत (उधार) के तौर पर देना ताकि लोग फ़ायदा उठाएँ यह भी नेक काम है और सबाब का कारण है
लेकिन वह सामान जो आम तौर पर मस्जिद में लगा रहता है और जिस से सब लोग फ़ायदा उठाते हैं जैसे वाटर फ़िल्टर मशीन छत का पंखा बल्ब वगैरह अगर ऐसी चीज़ें मस्जिद में आरियत के तौर पर रख दी जाएँ तो बाद में मालिक के लिए यह जाइज़ नहीं होगा कि वह उनके इस्तेमाल को सिर्फ़ अपने लिए खास कर ले, क्योंकि यह मस्जिद के सम्मान के खिलाफ़ है और इस तरह ये चीज़ें जनता के फ़ायदे की बन चुकी होती हैं।
वल्लाहो आलमु बिस्सावाब
कत्बा : नदीम इब्न अलीम अल-मसबूर अल-ऐनी
