इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाना कैसा है ?


इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाना कैसा है ?

मुहर्रम के अगले महीने की 20 तारीख़ यानी 10वीं मुहर्रम के 40 दिन बाद इमाम हुसैन (रज़ि अल्लाहो अन्हो) के नाम का 40वाँ करना आजकल चेहलुम के नाम से मशहूर है क्योंकि किसी के इंतकाल के बाद 40 दिन पूरे होने पर ईसाल-ए-सवाब करने को चेहलुम कहते हैं लेकिन इमाम हुसैन (रज़ि अल्लाहो अन्हो) के विसाल को लगभग 1400 साल हो चुके हैं तो चेहलुम का क्या मतलब? हाँ इमाम हुसैन (रज़ि अल्लाहो अन्हो) के नाम की फातिहा और ईसाल-ए-सवाब किसी भी दिन किया जा सकता है जैसा कि फ़तावा-ए-रज़विया में लिखा है

(फ़तावा-ए-रज़विया जिल्द 24 सफ़ा 507)

कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश 

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