अल्लाह ने इंसान के नफस को इस बेहतरीन तरीके से बनाया कि वो बुराई और अच्छाई में साफ़ फर्क महसूस कर लेता है
जब कोई इंसान कोई नेक काम करता है तो उसे अन्दर से एक ख़ुशी महसूस होती है एक सुकून वो अपने अन्दर महसूस कर सकता है, और जब कोई इंसान शुरू में किसी बुरे काम का इरादा करता है तो उसके दिल में एक खटक सी पैदा होती है..!
वो खटक बहुत कीमती है
कुरआन हमें बताता है कि जो इंसान दिल की इस आवाज़ की कद्र करता है तो इसमें और ज्यादा बेहतरी आती है जिससे इंसान और बेहतर तरीके से अच्छाई और बुराई को समझ लेता है
लेकिन जो इंसान इस आवाज़ की कद्र नहीं करता तो धीरे धीरे यह आवाज़ बंद हो जाती है यहाँ तक कि फिर इंसान उस गुनाह को गुनाह महसूस नहीं कर पाता
यह अल्लाह की खास हिदायत है जो उसने हर इंसान के अन्दर रखी है, यह एक तराज़ू की तरह है जिसमे हर अमल तौल कर देखा जा सकता है, यह इतनी कीमती चीज़ है कि कुरआन में अल्लाह ने फ़रमाया है कि जिसने इसे सवारा वो कामयाब हो गया और जिसने इसे दबाया वो बर्बाद हो गया
📕 सूरेह शम्स आयत 7-10 से मफहूम
कत्बा नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी खतीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हजरत मन्सूर शाह रहमातुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश
एक टिप्पणी भेजें