नमाज़े ईद के तअल्लुक से कुछ जरूरी मसाइल



सवाल :--- ईद व बक़रईद की नमाज़ वाजिब है या सुन्नत?

जवाब :--- ईद व बक़रईद की नमाज़ वाजिब है मगर इनके वाजिब और जाइज़ होने की वही शर्तें हैं जो जुमा के लिए हैं। सिर्फ इतना फ़र्क़ है के जुमा में खुतबा शर्त है, और ईदैन मे सुन्नत, दूसरा फर्क ये है के जुमा का खुतबा नमाज़ से पहले है और ईदैन का खुतबा नमाज़ के बाद, और तीसरा फ़र्क ये है के ईदैन मे अज़ान व इक़ामत नहीं है सिर्फ दो बार "अस्सलातु जामिअह कहने की इजाज़त है 📚 दुर्रे मुख़्तार वग़ैरह

सवाल :--- ईद व बक़रईद की नमाज़ का वक़्त कब से कब तक है

जवाब :--- ईद व बक़रईद की नमाज़ का वक़्त एक नेज़ा आफताब (सूरज) बुलन्द होने के बाद से जवाल के पहले तक है📚 दुर्रे मुख्तार 📚 बहारे शरिअत

सवाल :--- ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका क्या है 

जवाब :--- पहले इस तरह नीयत करे । नीयत की मैंने दो रक्अत नमाज़ वाजिब ईदुलफ़ित्र या ईदुल अज़हा की छ : तकबीरों के साथ अल्लाह तआला के लिए ( मुक़तदी इतना और कहे पीछे इस इमाम के ) मुंह मेरा तरफ़ काबा शरीफ के फिर कानों तक हाथ उठाये और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले फिर सना पढ़े फिर कानों तक हाथ ले जाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दे फिर हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड़ दे फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले 

इसके बाद इमाम आहिस्ता अऊज़ू बिल्लाह और बिसमिल्लाह पढ़कर बुलन्द आवाज़ से अलहम्दु के साथ कोई सूरत पढ़े फिर रुकू और सजदे से फ़ारिग होकर दूसरी रक्अत में पहले अलहम्दु के साथ कोई सूरत पढ़े फिर तीन बार कानों तक हाथ ले जाए और हर बार अल्लाहु अकबर कहे और किसी मर्तबा हाथ न बांधे और चौथी बार बगैर हाथ उठाये अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकू में जाए और बाकी नमाज़ दूसरी नमाज़ों की तरह पूरी करे । सलाम फेरने के बाद इमाम दो खुतबे पढ़े फिर दुआ मागे 📗 अनवारे शरीअत सफह 98-99)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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