पायजामा पहनने वाली औरतों के लिए क्या हुक्म है


सवाल-- क्या आक़ा सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम ने अपनी उम्मत में से पायजामा पहनने वाली औरतों के लिए दुआ ए मग़फ़िरत फ़रमाई

अल जवाब बिला शुबा नबी ए पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने दुआ ए मग़फ़िरत की

जैसा के आलाहज़रत अलैहिर्रहमा, तिरमिज़ी व अक़ैली के हवाला से नक़ल फ़रमाते हैं

हुजूर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने अपनी उम्मत से पायजामा पहने वाली औरतों के लिए दुआ ए मग़फ़िरत की और मर्दों को ताकीद फ़रमाई के खुद भी पहनें और अपनी औरतों को पहनाएं कि इसमें सतर (पर्दा पोशी) ज़्यादा है📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 9, सफ़ह 84) और पायजामा पहनना मुस्तहब बल्के सुन्नत भी है 📚 फ़तावा आलमगीरी, जिल्द 5, सफ़ह 333)

और हुज़ूर सदरुश्शरिअह तहरीर फ़रमाते हैं

पायजामा पहना सुन्नत है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा सतरे औरत है उसको सुन्नत बाय माना कहा गया है कि हुजूरे अक़दस सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने उसे पसंद फ़रमाया और सहाबा ए किराम रज़िअल्लाहू तआला अन्हुम ने पहना ख़ुद हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम तहबंद पहना करते थे पायजामा पहनना साबित नहीं

📚 बहारे शरीअत जिल्द 3, सफ़ह 416)

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल, सफ़ह 39--40)

कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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