लड़कियों को गुड़ियों से खेलना कैसा है



सवाल लड़कियों को गुड़ियों से खेलना कैसा है

अल जवाब जाइज़ है जबकि नाक नक़्शा वग़ैरह ना बना हो

हदीसे पाक में है

इमाम अबू दाऊद ने हज़रत आयशा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत की कहती हैं
में गुड़िया खेला करती थी और कभी रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही व सल्लम ऐसे वक़्त में तशरीफ़ लाते के लड़कियां मेरे पास होतीं, जब हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही व सल्लम तशरीफ़ लाते लड़कियां चली जातीं, और जब हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही व सल्लम चले जाते लड़कियां फिर आ जातीं

📚 अबू दाऊद किताबुल अदब, बाबुलल्लइब बिल बनात जिल्द 4, सफ़ह 369)

और सहीह् बुख़ारी व मुस्लिम में है

हजरत आयशा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से मरवी

कहती हैं कि मैं नबी ए पाक सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम के यहां गुड़ियों से खेला करती थी, और मेरे साथ चंद दूसरी लड़कियां भी खेलतीं जब हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम तशरीफ़ लाते तो वह छुप जातीं, हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम उनको मेरे पास भेज देते वह मेरे पास आकर खेलने लगतीं

📚 बुख़ारी किताबुल अदब.... जिल्द 4 सफ़ह 134)

और दूसरी हदीसे पाक में है

हजरत आयशा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत है कहती हैं कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ग़ज़्वा ए तबूक या ख़ैबर से तशरीफ़ लाए और उनकी ताक़ पर गुड़ियां थीं और पर्दा पड़ा हुआ था हवा चली और पर्दा का किनारा हट गया, हज़रत आयशा की गुड़ियां दिखाई दीं हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया
आयशा यह क्या है अर्ज़ की मेरी गुड़ियां हैं, उन गुड़ियों से के दरमियान कपड़ों का एक घोड़ा था, जिसके दो बाज़ू थे, हुज़ूर ने उस घोड़े की तरफ़ इशारा करके फ़रमाया के गुड़ियों के बीच में यह क्या है, अर्ज़ की यह घोड़ा है, इरशाद फ़रमाया घोड़े के यह क्या हैं अर्ज़ की यह घोड़े के बाज़ू हैं इरशाद फ़रमाया घोड़े के लिए बाज़ू
हज़रत आयशा ने अर्ज़ की क्या आपने नहीं सुना है कि हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के घोड़ों के बाज़ू थे, हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने यह सुनकर तबस्सुम फरमाया, (यानी मुस्कुराए)

📚 अबू दाऊद अल मर्जउस्साबिक़

अल इन्तिबाह

बनी हुई गुड़िया जिसके नाक नक्शा कुछ नहीं होता, बाअ्ज़ काले डोरे से कुछ निशान कर दिए जाते हैं, उनसे खेलने में बच्चों के लिए हर्ज नहीं, जैसा के हदीसे उम्मुल मोमिनीन आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से ज़ाहिर है

📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह. 142--143)
कत्बा अल अब्द खाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्लाह अलैहि बस स्टैंड किशनपुर जि़ला फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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