वह कौन सा लड़का है जिसका हुक्म मिस्ल औरत के है

सवाल वह कौन सा लड़का है जिसका हुक्म मिस्ल औरत के है

अल जवाब वह ख़ूबसूरत लड़का जो मुराहिक़ यानी बुलूग़ के क़रीब हो (यानी बालिग़ होने के क़रीब) उसका हुक्म मिस्ल औरत के है, और अगर ख़ूबसूरत न हो तो वही हुक्म है जो मर्द का है रद्दुल मोहतार में है खूबसूरत मर्द का हुक्म सर से पांव तक मिस्ल औरत के हैं, शहवत के साथ उसकी तरफ़ नज़र करना हराम है

📚 रद्दुल मोहतार जिल्द 09 सफ़ह 524)

और आला हजरत मुजद्दिदे दीनो मिल्लत अश्शाह इमाम अहमद रज़ा ख़ान फ़ाज़िले बरेलवी अलैहिर्रहमतु वर्रिज़वान फ़रमाते हैं कि औरत के साथ दो शैतान होते हैं, और मर्द के साथ 70 उल्मा फ़रमाते हैं, ख़ूबसूरत मर्द का हुक्म मिस्ल औरत के हैं

📚 फ़तावा रज़वियह जिल्द 09 सफ़ह 64-निस्फ़ अव्वल)

और हुज़ूर सदरुश्शरिअह अलैहिर्रहमह फ़रमाते हैं शहवत के साथ उसकी (यानी वह ख़ूबसूरत लड़का जो बालिग़ होने के क़रीब हो) उसकी तरफ़ नज़र करना हराम है, और शहवत न हो तो उसकी तरफ़ नज़र भी कर सकता है, और उसके साथ तन्हाई भी जाइज़ है, शहवत न होने का मतलब यह है कि उसे यक़ीन हो कि नज़र करने से शहवत न होगी, और अगर शुबा भी हो तो हरगिज़ नज़र न करे बोसा की ख़ुवाहिश पैदा होना भी शहवत की हद में दाखिल है

📚 बहारे शरिअत ज़िल्द 03 सफ़ह 443)📔औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 95/96)

✍️कत्बा अल अबद ख़ाकसार नाचीज़ मोहम्मद शफीक़ रजा़ रिज़वी ख़तीब व इमाम सुन्नी मस्जिद हज़रत मन्सूर शाह रहमतुल्ला अलैहि बस स्टैंड किशनपुर यूपी

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