क्या क़र्ज़ ले कर भी कुरबानी करनी होगी ?


क्या क़र्ज़ ले कर भी कुरबानी करनी होगी ?

मीठे मीठे इस्लामी भाइयो जो लोग कुरबानी की इस्तिताअत है (या'नी ताक़त) रखने के बा वुजूद अपनी वाजिब कुरबानी अदा नहीं करते, उन के लिये लम्हए फ़िक्रिय्या है, अव्वल येही ख़सारा (या'नी नुक्सान) क्या कम था कि कुरबानी न करने से इतने बड़े सवाब से महरूम हो गए मजीद येह कि वोह गुनाहगार और जहन्नम के हक़दार भी हैं

फतावा अम्जदिय्या जिल्द 03 सफ़हा 315 पर है अगर किसी पर कुरबानी वाजिब है और उस वक्त उस के पास रुपै नहीं हैं तो कर्ज ले कर या कोई चीज़ फरोख्त कर के कुरबानी करे


📚अब्लक़ घोड़े सुवार सफ़ा. नः 03

✍🏻 अज़ क़लम 🌹 खाकसार ना चीज़ मोहम्मद शफीक़ रज़ा रिज़वी खतीब व इमाम (सुन्नी मस्जिद हज़रत मनसूर शाह रहमतुल्लाह अलैह बस स्टॉप किशनपुर अल हिंद)

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